D & AR (Disciplinary action Rule)

अनुशासन एवं अपील नियम 1968 के तहत किसी रेलवे कर्मचारी के खिलाफ़ किसी भी तरह के कार्रवाई शुरू करने के लिए स्टैंडर्ड फॉर्म का इस्तेमाल/नियुक्ति किया जाता है जो डिसिप्लीनरी एक्शन रूल के तहत आता है |

Standard Form कई प्रकार के होते हैं।

  1. SF-1 – यह फॉर्म किसी कर्मचारी को काम से हटाना/निलंबित करने के लिए किया जाता है।
  1. SF-2 – यह फॉर्म तब प्रयोग में लाया जाता है जब किसी कर्मचारी को निलंबन के तहत रखा जाता है, तथा ऐसा समझा जाता है |निलंबन के दोनों मामलों में निर्वाह भुगतान के बारे में एक अलग नोट दिया जाना चाहिए |

नोट : जब कर्मचारी 48 घंटे से ज्यादा पूलिस हिरासत मे हो तो उसे निलंबित माना जायेगा।

  1. SF-3 – जीवन निर्वाह भत्ते की स्वीकृति। इसके लिए आरोपित कर्मचारी द्वारा बेरोजगारी प्रमाण पत्र दिया जाता है। इसमें बेसिक का 50% भत्ता दिया जाता है। पीएफ की कटौती नहीं होती है, परन्तु GIS की कटौती होती है। कर्मचारी कम से कम तीन महीने तक निलंबित रहेगा ।
  1. SF-4 – यह फार्म निलंबन वापस ले ना यह पुन बहाल करने के समय प्रयोग किया जाता है।

नोट : इसमें कर्मचारी के पेमेंट की कटौती नहीं होती है।  

  1. SF-5 – इस फार्म का प्रयोग तब किया जाता है, जब किसी कर्मचारी को बड़ी शास्ति (MAJOR CHARGESHEET) देने का प्रस्ताव हो।

SF-5 – के साथ 4 Annexure  जोड़े जाते हैं ।

  1. आरोपों का संक्षिप्त विवरण।
  2. आरोपों का विस्तृत विवरण।
  3. दस्तावेजों की सूची।
  4. प्रशासनिक गवाहों की सूची।
  1. SF-6 – यह फार्म तब प्रयुक्त किया जाता है , जब यह महसूस किया जाए कि अपराधी कर्मचारी द्वारा अतिरिक्त दस्तावेजों की मांग प्रसांगिक नहीं है, इनकार के कारणों को बताते हुए यह फार्म देकर अनुरोध को मना किया जा सकता है।
  1. SF-7 – यह फार्म जांच अधिकारी की नियुक्ति के लिए है, जहाँ जांच करना आवश्यक समझा जाता है। बोर्ड के वर्तमान आदेशों के अनुसार SF/7 को SF/5 के साथ भी जारी करना चाहिए।
  1. SF-8 – यह फार्म प्रेजेंटिंग ऑफ़िसर की नियुक्ति के लिए प्रयोग किया जाता है। (एक प्रेजेंटिंग ऑफिसर आमतौर पर राजपत्रित अधिकारियों तथा CBI मामले में होता है)
  1. SF-9(A), 9(B), 9(C) – इन तीनों फार्म को अब रेलवे बोर्ड द्वारा रद्द कर दिया गया है।
  2. SF-10 – यह फार्म आम कार्रवाई के मामले में आरोप पत्र जारी करने के लिए प्रयोग किया जाता है।आम कार्रवाई चार्जशीट उस मामले में जारी की जाती है जहाँ एक ही अपराध के लिए दो या दो से अधिक कर्मचारी शामिल हैं।

कर्मचारी एक विभाग से या विभिन्न विभागों से हो सकते हैं अनुशासनात्मक अथॉरिटी (DA) वहाँ होनी चाहिए जो सभी शामिल कर्मचारियों के ऊपर अनिवार्य सेवानिवृत्ति, सेवा से हटाना या बर्खास्त की भी पेनाल्टी लगाने में सक्षम हो। यदि उनके खिलाफ़ लगे आरोप साबित हो रहे हो।

  1. SF-10(A) – यह फार्म संयुक्त कार्यवाही हेतु एन्क्वारी ऑफिसर की नियुक्ति। इसमें मेजर चार्जशीट होगी |
  1. SF-10(B) – संयुक्त कार्यवाही हेतु प्रेजेंटिंग ऑफिसर की नियुक्ति। यह पुलिस विजिलेंस के मामले में होता है। इसमें भी मेजर चार्जशीट दिया जाता है।
  1. SF-11 – यह फार्म का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी कर्मचारी को छोटी शास्ति (MINOR CHARGESHEET) लगाने का प्रस्ताव हो |इसमें जांच नहीं होता है।

नोटMINOR CHARGESHEET मे 3 साल से अधिक दंड नहीं दिया जाएगा ।

  1. SF-11(B) – छोटी शास्ति की जांच हेतु। (3 साल से अधिक दंड होगा)
  1. SF-11(A) – यह फार्म तब प्रयोग किया जाता है जब माइनर पेनल्टी चार्जशीट के बाद एक जांच करने का प्रस्ताव हो। इसमें 3 साल से अधिक का दंड हो सकता है।

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नोटD & AR को सात भागों में बांटा गया है और इसमें 31 नियम है |

  • अनुशासन व अपील नियम 1968 के अनुसार रेलकर्मचारियों पर दो प्रकार की चार्जशीट लगाई जा सकती है।

      इन्हें माइनर व मेजर चार्जशीट कहते हैं।

मेजर पेनाल्टी में संविधान की धारा के आर्टीजन 311 मे दी गई प्रक्रिया का पालन करना आवश्यक है, जबकि माइनर पेनाल्टी लागू करने के लिए अनुशासन नियम 1968 में दी गई जांच प्रक्रिया का पालन करना आवश्यक है।

माइनर पेनल्टी लागू करते समय यदि तीन वर्ष से ज्यादा कि वेतन वृद्धि रोकनी है,  क्युमुलेटिव इफेक्ट (Future Effect) के साथ हो एवं पेंशन को प्रभावित करें तो ऐसी दशा में इन्क्वायरी आवश्यक है|

Minor Penalty  SF-11

  1. निंदा (सेंसोर करना)
  2. निर्धारित समय के लिए पदोन्नती करना
  3. लापरवाही या आदेशों की अबहेलना द्वारा रेलवे प्रशासन यह सरकार को हुए नुकसान की पूरी अधिक भरपाई।

III (क) – सुविधा पास, ट्रेविलिंग पास या PTO या दोनों बंद कर देना।

III (ख) – वेतनमान में निचले स्तर पर निम्नलिखित दशाओं के साथ ले जाना।

  1. – तीन वर्ष से अधिक समय के लिए नहीं।
  2. बिना फ्यूचर इफेक्ट।
  3. बिना पेंशन प्रभावित किए।
  4. ऐसे निर्देशों के साथ की सजा का समय पूरा होने पर यह भविष्य की वेतन वृद्धि अगर अशर्त डाले गया नहीं, निर्धारित समय के लिए वेतन वृद्धि रोकना।

छोटी शास्ती जारी करने का तरीका – SF/11

  • सर्वप्रथम विभागीय जांच करवा लेनी चाहिए की कर्मचारी के ऊपर छोटी शास्ति के आरोप लगाया जा सकता है या नहीं। जांच डिसिप्लिनरी अथॉरिटी द्वारा कराया जाएगा।
  • इसके लिए मानक पत्र 11 SF-11का उपयोग किया जाएगा |
  • मानक पत्र 11 मैं कर्मचारी का नाम, पदनाम,स्टेशन साफ साफ उल्लेख किया जाना चाहिए तथा इस पर अनुशासनिक अधिकारी अपना स्वयं का हस्ताक्षर दिनांक सहित करेगा।
  • SF 11 मे रेल सेवा आचरण नियम 1966 के नियम 3 का सब रूल (1) का (i), (ii) तथा (iii) का उल्लेख किया जाएगा।
  • कर्मचारी को SF-11 सुपरवाइजर के माध्यम से सौंपेंगे और उसकी पावती ली जाएगी।
  • आरोपित कर्मचारी अपना बचाव प्रतिवेदन 10 दिन के भीतर अनुशासनिक अधिकारी को प्रस्तुत करेगा। अनुशासनिक अधिकारी जवाब अच्छे से अध्ययन करेगा। यदि जवाब से सहमत हैं तो SF-11 रद्द कर सकता है। यदि जवाब से सहमत नहीं है तो अपने बोलते हुए आदेश देते हुए कोई भी एक छोटी शास्ति दे सकता है ।
  • कर्मचारी को दंड NIP (Notice Of Imposing Penalty) के माध्यम से दिया जाएगा।
  • कर्मचारी को NIP सुपरवाइजर के माध्यम से दी जाएगी और उसकी पावती ली जाएगी।
  • यदि आरोपित कर्मचारी अनुशासनिक अधिकारी द्वारा दिए गए दंड से संतुष्ट नहीं है तो 45 दिन के भीतर अपीलिये अधिकारी को अपील कर सकता है। NIP पर A/A  का नाम, पता आदि लिखा रहेगा|      

Mejor Penalty

D & AR के नियम 6 में बड़ी सास्ति का वर्णन है।

 यह कुल पांच प्रकार के हैं |

  1. वेतनमान में निचले स्तर पर ले जाना तथा साथ में निर्देश देने की उपरोक्त समय बीत जाने पर वह भविष्य की वेतन वृद्धि पर असर डालेगा या नहीं।
  2. वर्तमान वेतनमान, पद्यम वेतन से निम्न वेतनमान, पद एवं वेतन पदावनत (Revert) करना। जो यह बताते हुए हों कि वरीयता पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
  • अनिवार्य (Compulsory) सेवा निवृत्ति ।
  1. रेल सेवा से निकालना (Remove From Service) – पुन: सरकारी सेवा के योग्य तथा अनुकंपा भत्ता भी मिलेंगे।
  2. रेल सेवा से बर्खास्त कर देना।(Dismiss From Service) – कोई भी सरकारी नौकरी का पात्र नहीं होगा। यह सबसे बड़ा डंड है|

 बड़ा शास्ति जारी करने का तरीका (SF-5)

  1. सर्वप्रथम जान्च करवा लेनी चाहिए कि कर्मचारी के बड़ा शास्ति के आरोप लगया जा सकता है या नही । जांच Disciplinery Authorisy द्वारा कराया जायेगा।
  2. इसके लिए मानक पत्र-5(SF-5) का उपयोग किया जायेगा।
  3. SF-5 मे कर्मचारी का नाम, पदनाम, स्टेशन का साफ- साफ उल्लेख किया जाना चाहिए तथा इस पर अनुशासनिक अधिकारी (DA) अपना स्वन्य का हस्ताक्षर दिनांक सहित करेगा।
  4. SF-5 मे रेल सेवा आचरण नियम 1966 के नियम 3 का सब रुल (1)का (i),(ii) तथा (iii) का उल्लेख किया जायेगा।
  5. कर्मचारी को (SF-5), Supervisor के माध्यम से सौपेगे और उसकी पावती ली जायेगी।
  6. आरोपित कर्मचारी अपना बचाव प्रतिवेदन 10 दिन के भीतर DA को प्रस्तुत करेगा। DA मामले की जांच हेतु EO को नामित करेगा। EO अपनी जांच रिपोर्ट 60 दिन के भीतर DA को प्रस्तुत करेगा। इस जांच रिपोर्ट के आधार पर DA अपने बोलते हुए आदेश देते हुए कोई भी एक बड़ा दण्ड दे सकता है।
  7. कर्मचारी को दण्ड की सूचना NIP (Notice of imposing Penaity) के माध्यम से दिया जायेगा।
  8. कर्मचारी को NIP सुपरवाइजर के माध्यम से दी जायेगी और उसकी पावती ली जायेगी।
  9. यदि आरोपित कर्मचारी DA द्वारा दिये गए दण्ड से संतुष्ट नही है तो 45 दिन के भीतर अपीलिय अधिकारी (A/A) को अपील कर सकता है। NIP पर A/A का नाम, पता आदि लिखा रहेगा।
  • AA (Appointing Authority) नियुक्ति अधिकारी – ऐसा अधिकारी जिसे ग्रुप सी व डी को किसी ग्रेड या पद पर नियुक्त करने का अधिकार हो।
  • DA (Disciplinary Authority) अनुशासनिक अधिकारी -ऐसा अधिकारी जिसे ग्रुप सी या डी को छोटा या बड़ा दंड देने का अधिकार हो|
  • EO (Enquiry Officer) जांच अधिकारी – EO हमेशा आरोपित कर्मचारी डी से उच्च ग्रेड का होना चाहिए। यदि उच्च ग्रेड का नहीं मिलता है तो सम्कक्ष ग्रेड के कर्मचारी को EO बनाया जा सकता है। EO हमेशा निष्पक्ष होना चाहिए और उसे मामले की कोई जानकारी नहीं होनी चाहिए। यदि DE को EO के बारे मेँ कोई संदेह है तो उसे बदला जा सकता है |
  • PO (Presenting Officer)प्रस्तुति अधिकारी -जब किसी पुलिस यह विजिलेंस का मामला होगा तब प्रशासन का पक्ष रखने के लिए PO की नियुक्ति DA के द्वारा की जाती है|
  • DC (Defence Counsellor) बचाव सलाहकार – DC का नामांकन आरोपित (Diligent Employee) कर्मचारी करता है। DC उसी रेलवे के यूनियन का पदाधिकारी हो सकता है जो 1 साल तक किसी पद पर रह चुका हो। कार्यरत कर्मचारी एक साथ पांच, रिटायर कर्मचारी एक साथ 7 और यूनियन का पदाधिकारी कितने भी मामले में DC बन सकता है।
  • DE (Diligent Employee) आरोपित कर्मचारी – जिस कर्मचारी के ऊपर आरोप लगाया जाता है उसे आरोपित कर्मचारी कहते हैं। DC, DE से Fees की मांग नहीं करता है।  
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