रेल सेवा आचरण नियम 1966 (RAILWAY SERVICE CONDUCT RULE 1966)
SERVICE CONDUCT RULE 1966)
आचरण नियमो की संख्या 26 है। इसमे नियम संख्या 01 से 22 सभी रेल कर्मचारीयो पर लागू होगा तथा नियम संख्या 23 से 26 राष्टपति के विवेकाधिकार मे आता है।
(Railway Service Conduct Rules – 1966) रेल कर्मचारी रेल सेवा (आचरण) नियम-1966 से शासिल है, जो आचरण के स्तर को निर्धारित करता है तथा यह प्रत्येक रेल कर्मचारी व उसके परिवार के सदस्यों से यह अपेक्षा करता है कि वे पालन करेगे। रेल सेवा आचरण नियम का संक्षिप्त विवरण निम्नानुसार है
नियम संख्या 01 :-
इसमे संक्षिप्त नाम और इसके लागू होने की तारीख का वर्णन है।
तारीख – 21 मार्च 1966
नियम संख्या 02 :-
इसमे परिभाषाओ का वर्णन है। जैसे-
सरकार
परिवार :- रेलवे मे उसे परिवार कहा जाता है। जो रेल कर्मचारी के सुविधा पास पर यात्रा करता है। और ऐसे परिवार को भी रेलवे का आचरण नियम का पालन करना होता है।
D&AR RULES
नियम-3 : सामान्य – प्रयेक रेल सेवक हर समय
पूर्ण रूप से सत्यनिष्ठ रहेगा,
कर्तव्य परायण रहेगा
iii. ऐसा कोई कार्य नहीं करेगा जो किसी रेल अथवा रेल कर्मचारी के लिए अशोभनीय हो
सविधान की सर्वोच्चता और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति वचनबज रहेगा
भारत की संप्रभुता और अखण्डता, राष्ट्र सार्वजनिक व्यवस्था, शिष्टता एवं नैतिकता की रक्षा करेगा एवं उसकी मर्यादा को बनाए रखेगा
उच्च नैतिक मानकों और ईमानदारी को बनाए रखेगा
vii. राजनीतिक तटस्थता बनाए रखेगा
viii कर्तव्यों के निर्वहन में योग्यता, ईमानदारी और निष्पक्षता के सिद्धांतों को बढावा देगा
जवाबदेही और पारदर्शिता बनाए रखेगा
जनता, विशेषतः कमजोर वगों के प्रति अनुक्रियाशील बना रहेगा
जनता के साथ शिष्ट और सव्यवहार बनाए रखेगा
xii. केवल लोकहित में निर्णय लेगा, सार्वजनिक संसाधनों का उपयोग कार्यकुशलता और प्रभावी ढंग से तथा मितव्ययिता से करेगा और करवायेगा
xiii अपने सार्वजनिक कर्तव्यां से जुड़े किसी निजी हित को प्रकट करेगा एवं किसी अंतर्विरोध का समाधान करने के लिए ऐसे कदम उठाएगा जिससे लोक हित की रक्षा होती हो
xiv. किसी व्यक्ति अथवा संगठन से किसी प्रकार का वित्तिय तथा अन्य प्रकार का आभार स्वीकार नहीं करेगाजिससे सरकारी कार्य का निष्पादन प्रभावित हो
रेल सेवक के रूप में अपने पद का दुरूपयोग नहीं करेगा और न ही स्वयं के लिए, अपने परिवार के लिए या मित्रों के लिए वित्तिय अथवा भौतिक संसाधन के रूप में लाभ प्राप्त करने के लिए कोई निर्णय लेगा
xvi केवल योग्यता के आधार पर निर्वचन करेगा, निर्णय लेगा और सिफारिश करेगा
xvii ईमानदारी एवं निष्पक्षता से कार्य करेगा एवं किसी के प्रति विशेषकर समाज के गरीब एवं सुविधाओं से वंचित वर्गों के प्रति भेदभाव नहीं करेगा
xviii किसी कानून, नियम, विनियम, एवं स्थापित परिपाटियों के विरूद्ध कोई कार्य करने से विरत रहेगा
xix. अपने कर्तव्य पालन के प्रति अनुशासित रहेगा और स्वयं को संसुचित विधि सम्मत आदेशों का पालन करेगा
तत्सामयिक किसी कानून में की गई अपेक्षा के अनुसार विशेषकर ऐसी सूचना, जिसके प्रकटन से भारत की संप्रभुता एवं अखण्डता, राष्ट्र की सुरक्षा, राष्ट्र की रणनीतिक वैज्ञानिक या आर्थिक हित. विदेशों के साथ मैत्रीपूर्ण सम्बन्धों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हो या किसी अपराध के लिए दुष्प्रेरणा मिलती हो या किसी व्यक्ति को अवैध या गैर-कानूनी लाभ प्राप्त होता हो, के सम्बन्ध में अपने शासकीय दायित्व का निर्वहन करते हुए गोपनीयता बनाए रखेगा
xxi. अपनी उच्चतर पेशेवर योग्यता और समर्पण के साथ कर्तव्य का निर्वहन करेगा।
नोट- कोई सरकारी कर्मचारी अगर अपने सेवा सम्बन्धी विषय, अधिकारी या शतों के सम्बन्ध में दावे पर जोर देना चाहता हैं या अपनी शिकायत का समाधान चाहता है तो उसका सही तरीका यह है कि वह अपने अधिनस्थ या कार्यालय प्रधान या उस प्राधिकारी को प्रेषित करें जो संस्थान में सम्बन्धित विषय के निष्पादन में सक्षम हो। संवाद के निर्धारित माध्यमों की उपेक्षा करते हए प्रत्यावेदनों को सीधे ही अन्य प्राधिकारी को प्रस्तुत करने पर, मामले को गम्भीरता से लेते हुए समुचित अनुशासनात्मक कार्यवाही की जानी चाहिये।
पर्यवेक्षकीय पद धारण करने वाला प्रत्येक रेल सेवक अपने अधीन कार्यरत सभी रेल सेवकों की निष्ठा तथा कर्तव्यपरायणता सुनिश्चित करने के लिए हर सम्भव उपाय करेगा। कोई भी रेल सेवक अपने कार्य निष्पादन में अथवा उसे प्रदान किये गए अधिकारों के प्रयोग में, उस स्थिति को छोड़कर जिसमें वह किसी पर्यवेक्षक के निर्देशन में कार्य कर रहा है, अपने श्रेष्ठतम विवेक का प्रयोग करेगा, परन्तु यदि वह किसी वरिष्ठ पर्यवेक्षक के निर्देशन में कार्य कर रहा है तो इसके लिए यथा सम्भव लिखित अनुमोदन प्राप्त करना होगा और यदि किसी कारणवश लिखित अनुमोदन तत्काल प्राप्त करना सम्भव न हो तो ऐसी स्थिति में वह कार्य निष्पादन के तुरन्त बाद उसकी लिखित पुष्टि सम्बन्धित प्राधिकारी से प्राप्त करेगा।
रेल सेवक का परिवार के सदस्यों के उचित भरण-पोषण के सम्बन्ध में आचरण
रेल सेवक का यह दायित्व है कि वह अपने परिवार के सदस्यों का उचित भरण पोषण /देखभाल करें ऐसा न करने पर वह रेल सेवा आचरण नियम 1966 के उल्लंघन का दोषी माना जायेगा, जो रेल सेवक के लिये अशोभनीय है। उन सभी मामलों में जहाँ जाँच के दौरान शिकायत में प्रथम दृष्टया यह पाया जाता है कि रेल सेवक अपने परिवार के सदस्यों का उचित भरण-पोषण नहीं कर रहा है तो उन शिकायतों की RS(D&R) नियम 1968 के नियम-6 के तहत जाँच कर कार्यवाही की जायेगी।
3.(अ) तत्परता एवं शिष्टाचार – कोई भी रेल सेवक
i. अपनी सरकारी सेवा के दौरान अशिष्ट तरीके से कार्य व व्यवहार नहीं करेगा।
ii. सरकारी कामकाज में आम जनता के साथ व्यवहार करते समय विलम्बकारी प्रवृत्ति नहीं अपनायेगा अथवा उसको साँप गए निर्धारित कार्य के निष्पादन में जानबूझकर विलम्ब नहीं करेगा।
यदि कोई सरकारी कर्मचारी पशुओं के प्रति क्रूरता (मारना, पीटना, ज्यादा बोझ लादना, ज्यादा काम लना, परेशान करना अथवा अनावश्यक रूप से जानवरों को दुःख तकलीफ पहुँचान) जैसे कार्य में संलिप्त पाया जाता है तो वह पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण सम्बन्धी अधिनियम 1960 के तहत कार्यवाही का पात्र तो है तथा इस अधिनियम के तहत दण्ड के अलावा उसके विरूद्ध रेल सेवक के अशोभनीय आचरण के नियम के तहत कार्यवाही भी की जा सकती है।
3.(व) सरकारी नीतियों का अनुसरण– प्रत्येक रेल सेवक सदेव
i. विवाह के लिए निर्धारित आयु, पर्यावरण की सुरक्षा, वन्य जीवन तथा सांस्कृतिक विरासत के संरक्षा के सम्बन्ध में सरकार द्वारा निर्धारित नीतियों का अनुसरण करेगा,
ii. महिलाओं के प्रति अपराध उन्मूलन सम्बन्धी नीतियों का अनुसरण करेगा।
3.(स) कामकाजी महिलाओं के नैगिक उत्पीड़न पर प्रतिबन्ध–
(1) कोई भी रेल सेवक किसी भी कार्यस्थल पर किसी भी महिला के लैंगिक उत्पीड़न सम्बन्धी किसी कार्य में लिप्त नहीं होगा,
(2) प्रत्येक रेल सेवक, जो कार्यस्थल का प्रभारी है, अपने कार्यस्थल पर किसी भी महिला का लैंगिक उत्पीड़न रोकने के लिए समुचित कदम उठायेगा, स्पष्टीकरण – (1) इस नियम के प्रयोजनार्थ : –
(क) लैंगिक उत्पीड़न के अंतर्गत निम्नलिखित में से कोई एक या अधिक निंदनीय कार्य या व्यवहार (चाहे प्रत्यक्ष रूप से या तात्पर्यित) सम्मिलित हैं, अर्थात् : –
i. शारीरिक सम्पर्क और फायदा उठाना, या
ii. लैंगिक पक्षपात की माँग या अनुरोध करना, या
iii. लैंगिक अर्थ वाली टिप्पणियों करना, या
iv. अश्लील साहित्य दिखाना, या
v. लैंगिक प्रकृति का कोई अन्य निंदनीय शारीरिक शाब्दिक गैर-शाब्दिक आचरण करना
(ख) अन्य परिस्थितियों के साथ ही निम्नलिखित परिस्थितियों को, यदि लैंगिक उत्पीड़न के किसी कार्य या आचरण के संबंध में उत्पन्न होती हैं या विद्यमान है, या उससे संबंधित है. लगिक उत्पीड़न माना जा सकगा: –
i. उसके नियोजन में अधिमानी व्यवहार का अंतनिहित या स्पष्ट वचन देना, या
ii. उसके नियोजन में अहितकार व्यवहार का अंतर्निहित या स्पष्ट धमकी देना, या
iii. उसकी वर्तमान या भावी नियोजन के प्रास्थिति के बारे में अंतनिहित या स्पष्ट धमकी देना, या
iv. उसके कार्य में हस्तक्षेप करना या उसके लिए अभित्रासमय या आपराधिक या शत्रुतापूर्ण कार्य वातावरण सृजित करना, या
v. उसक स्वास्थ्य या सुरक्षा को प्रभावित कर सकने वाला अपमानजनक आचरण करना.
(ग) “कार्यस्थल में निम्नलिखित शामिल है: –
i. ऐसा कोई विभाग, संगठन, उपक्रम, स्थापन, उधम, संस्था, कार्यालय, शाखा या यूनिट जो केन्द्रीय सरकार द्वारा स्थापित, उसके स्वामित्वाधीन, नियंत्रणाधीन या पूर्णतः या भागतः उसके द्वारा प्रत्येक रूप से या अप्रत्यक्ष रूप से उपलब्ध कराई गई निधियों द्वारा वित्तपोषित की जाती है.
ii. अस्पताल या परिचर्या गृह,
iii. प्रशिक्षण, खेलकूद या उससे सम्बन्धित अन्य क्रियाकलापों के लिए प्रयुक्त, कोई खेलकूद संस्थान, स्टेडियम, खेलकूद कॉम्पलेक्स या प्रतिस्पर्धा या क्रीड़ा का स्थान, चाहे आवासीय हो या नहीं,
iv. नियोजन से प्रोदभूत या उसके प्रक्रम दौरान कर्मचारी द्वारा भ्रमण किया गया कोई स्थान, जिसके अंतर्गत एसी यात्रा के लिए नियोजक द्वारा उपलब्ध कराया गया परिवहन भी है.
v. कोई निवास- स्थान या कोई गृह.
[Algnment of service Rules with the Sexual Harassment of Women at Workplace (Prevention, Prohibitio and Redressal) Act 2013 – RBE 15/15 के अन्तर्गत प्रसारित किया गया है तथा इसमें अन्य बातों के अलावा झुठी या दुर्भावपूर्ण शिकायत (false or malicious complaint) तथा झूठी गवाही (false evidence) के लिए दण्ड का प्रावधान भी किया गया है।]
नियम-4: कम्पनी /फर्म में रेल सेवक के नजदीकी रिश्तेदार को रोजगार
1. कोई भी रेल सेवक अपने पद या प्रभाव का प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से इस्तेमाल करके किसी कम्पनी /फर्म में अपने परिवार के किसी सदस्य को रोजगार नहीं दिलाएगा।
2. कोई भी गुप-ए अधिकारी सरकार की पूर्वानुमति के बिना अपने पुत्र, पुत्री या आश्रितों को ऐसी कम्पनी या फर्म में नौकरी नहीं लगायेगा, जिसके साथ उसका कार्यालयी व्यवहार हो या किसी ऐसी कम्पनी /फर्म में जिसका सरकार से कार्यालयिक सम्बन्ध (Offical dealine) हो।
3. कोई भी रेल सेवक अपनी सरकारी सेवा के निर्वाहन के क्रम में ऐसी कम्पनी या फर्म जिसमें उसके परिवार का कोई सदस्य कार्यरत है, के हित में कोई संविदा स्वीकृत नहीं करेगा। इस तरह के मामले व संविदा अगर कोई है तो उन्हें अपने उच्चतर प्राधिकारी को भेजेगा।
नियम-5: – राजनतिक गतिविधियों और चनावों में भाग लेना
1. कोई भी रेल सेवक किसी राजनतिक पार्टी अथवा ऐसे संगठन से जो राजनेतिक गतिविधियों से जुड़ा हो,वह न तो उसका सदस्य होगा न ही उससे कोई सम्बन्ध रखेगा।
2. प्रत्येक रेल सेवक का यह कर्तव्य होगा कि वह अपने परिवार के सदस्यों को किसी भी राष्ट्र विरोधी आंदोलन अथवा गतिविधियों में भाग लेने से रोकगा।
3. निर्वाचनों के सम्बन्ध में रेल सेवक को न केवल निष्पक्ष होना चाहिए वरन उन्हें चाहिए कि वे निष्पक्ष दिखाई भी दे। उन्हें निर्वाचन अभियानों में भाग नहीं लेना चाहिए न ही उन्हें प्रचार करना चाहिए और ना ही उन्हें किसी उम्मीदवार के निर्वाचन ऐजेण्ट या गणना ऐजेण्ट के रूप में काम ही करना चाहिए।
नियम-6: – रेल सेवक द्वारा संघ अथवा संगठन में शामिल होनाकोई भी रेल सेवक ऐसे किसी संघ या संगठन की सदस्यता ग्रहण नहीं करेगा और न ही उसकी किन्ही गतिविधियों में भाग लेना जिसका उत्तश्य भारत की एकता, अखंडता व सम्प्रभुता को नुकसान पहुंचाना हो। जब कोई रेल सेवक राजपत्रित अधिकारी के रूप में पदोबत हो जाता है तो उसे अराजपत्रित कर्मचारियों के संगठन से त्यागपत्र दना होगा। लाकन अगर उसक सदस्य बने रहने से संगठन लाभांवित होता है तो वह उस संघ या संगठन का केवल एक साधारण सदस्य तभी रह सकता जब वह महाप्रबंधक को इस तथ्य से संतुष्ट कर दें कि वह केवल साधारण सदस्य के रूप में संगठन की कल्याणकारी योजनाओं में सहयोग करेगा।
नियम-7 : – प्रदर्शनकोई भी रेल सेवक किसी ऐसे प्रदर्शन में भाग नहीं लेगा जिससे भारत की एकता एवं समाभुता, राष्ट्र की सुरक्षा, विदेशी राष्ट्रों के साथ मत्रीपूर्ण संबंधों, जनता की शांति एवं सुव्यवस्था, शालीनता एवं नैतिकता पर विपरीत प्रभाव पड़ता हो या किसी न्यायालय की मानहानी होती है अथवा किसी अपराध को बढ़ावा मिलता हो।
नियम-8: – प्रेस एवं रेड़ियों से सम्बन्ध रखनाकोई भी रेल सेवक सरकार की पूर्वानुमति के विना कलात्मक, साहित्यिक व वैज्ञानिक मामलों को छोड़कर किसी पुस्तक प्रकाशन अथवा समाचार पत्र के सम्पादन का कार्य नहीं करेगा और ना ही प्रेस, रेडियों व टीवी से कोई सम्बन्ध ही रखेगा।
नियम-9: सरकार की आलोचनाकोई भी रेल सेवक अपने नाम से या किसी अन्य व्यक्ति के नाम से किसी रेडियो प्रसारण या किसी लेखन या प्रकाशन के माध्यम से सरकार की ऐसी आलोचना नहीं करेगा और न ही इस सम्बन्ध में किसी प्रेस से ऐसा पत्राचार करेगा और न आम जनता के समक्ष ऐसा वक्तव्य देगा जिससे केन्द्र सरकार या राज्य सरकार की घोषित वर्तमान किसी नीति की विपरीत आलोचना होती है अथवा केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच के सम्बन्धों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हो अथवा केन्द्र सरकार व किसी विदेशी सरकार के सम्बन्धों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हो ।
नियम-10 :- किसी जांच समिति अथवा प्राधिकारी के समक्ष गवाही देनाकोई भी रेल सेवक सरकार की पूर्व स्वीकृति के बिना किसी व्यक्ति जाँच समिति या अधिकारी के समक्ष गवाही नहीं देना अथ्वा जांच के दौरान केन्द्र या राज्य सरकार की नीतियों या की गई कार्यवाही की आलोचना नहीं
नियम-11 :- आधिकारिक सूचनाओं का सम्प्रेषणप्रत्येक रेल सेवक अपने कर्तव्य के अनुपालन में सहस विश्वास (Good faith) के आधार पर सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 [(22) 2005] एवं इसके तहत बनाए गए नियमों के तहत किसी व्यक्ति को सूचना का सम्प्रेषण कर सकता है। बशर्ते कोई भी रल सेवक इस सम्बन्ध में सरकार द्वारा बनाए गए सामान्य अथवा विशेष आदेशों के अनुपालन में सहस विश्वास के बिना प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से अपने पद से सम्बन्धित किसी भी प्रकार के सरकारी दस्तावेज या उसका कोई अंश या कोई वर्गीकृत सूचना किसी अन्य रेल सेवक को नहीं देगा और किसी अनाधिकृत व्यक्ति को ऐसी सूचनाएं उपलब्ध नहीं करायेगा जो उन सूचनाओं को प्राप्त करने का वैद्यानिक अधिकारी न हो।
नियम-12 :- अंशदानप्रत्येक रेल सेवक सरकार की पूर्वानुमति के बिना किसी प्रकार का अंशदान न तो स्वयं माँगेगा और न ही स्वीकार करेगा और न ही किसी भी रूप में इस तरह की धन की उगाही गतिविधि से अपने को सम्बन्धित रखेगा।
नियम-13 :- उपहार
1. कोई भी रेल सेवक अपने परिवार के किसी सदस्य या किसी अन्य व्यक्ति को अपनी ओर से उपहार लेने की न तो अनुमति देगा न ही स्वयं स्वीकार करेगा (मुफ्त यातायात, भोजन, आवास, अन्य सेवा अथवा निकट सम्बन्धी और मित्र जिनका रेल सेवक के साथ सरकारी व्यवहार नहीं है के अलावा किसी व्यक्ति दारा दिया गया धन सम्बन्धी लाभ उपहार में शामिल है) रेल सेवक को अपनी सरकारी कामकाज से सम्बंध रखन वाल व्याक्तया, आद्यागिक अथवा व्यवसायिक फर्मा द्वारा दिया गया खचीला स्वागत या बार-बार स्वागत स्वीकार नहीं करना चाहिए।
2. रेल सेवक शादी, वर्षगांठ, श्राज अथवा अन्य धार्मिक उत्सवों पर प्रचलित धार्मिक एवं सामाजिक रीतियों के अनुसार अपने निकटतम रिश्तेदारों से उपहार प्राप्ति कर सकता है, परन्तु उपहार का मूल्य निम्न दर्शायी गई राशि से अधिक हो तो से इसकी सूचना सरकार को देनी होगी:
i. ग्रुप ‘ए’ पद पर कार्यरत रेल कर्मचारी के मामले में रूपये 25000/
ii. गुप “बी” पद पर कार्यरत रेल कर्मचारी के मामले में रूपये 15000/
iii. गुप “सी” पद पर कार्यरत रेल कर्मचारी के मामले में रूपये 75000/
iv. गुप “डी पद पर कार्यरत रेल कर्मचारी के मामले में रूपये 1000/
3. उपरोक्त वर्णित अवसरों पर रेल सेवक अपने निजी मित्रों, जिनसे उसका शासकीय सम्बन्ध न हो, से उपहार प्राप्त कर सकता है, परन्तु यदि उस उपहार का मूल्य निम्नानुसार निधारित सीमा से अधिक हो तो इसकी सूचना सरकार को देनी होगी
i. गुप ‘ए’ व “बी” पद पर कार्यरत रेल सेवक कर्मचारी के मामले में रूपये 1500/
ii. गुप ‘सी’ व ‘डी’ पद पर कार्यरत रेल कर्मचारी के मामले में रूपये 500/
नोट:- जहाँ पुरस्कार की राशि उपहारों आदि के माध्यम से वितरित की जानी होती हैं, जिसमें व्यय शामिल हैं. यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त ध्यान दिया जाये कि ऐसी खरीद करते समय सामान्य खरीद प्रक्रिया का पालना किया जाता है।
नियम-13: दहेज
i. कोई भी रेल सेवक न तो दहेज देगा और न दहेज लेना और न ही ऐसे लेनदेन को प्रोत्साहित करेगा।
ii. कोई भी रेल सेवक दुल्हा या दुल्हन, जो भी हो, के रिश्तेदारों, माता-पिता या अभिभावक से प्रत्येक या परोक्ष रूप से दहेज की मांग नहीं करेगा।
नियम-14 : रेल सेवक के सम्मान में प्रदर्शनकोई भी रेल सेवक सरकार की पूर्व स्वीकृति के बिना किसी प्रकार का अभिनन्दन अथवा विदाई भाषण, न तो स्वीकार करेगा और न ही कोई प्रशस्ति पत्र प्राप्त करेगा और नहीं वह अपने अथवा किसी अन्य रेल सेवक के अभिनन्दन समारोह में भाग लेगा परन्तु यह निम्न मामलों में लागू नहीं होगा ।
i. किसी भी रेल सेवक या किसी सरकारी कर्मचारी के स्थानान्तरण, सेवानिवृति या वह व्यक्ति जिसने हाल ही में सरकारी नौकरी छोड़ दी है, के विदाई समारोह पर आयोजित व्यक्तिगत एवं औपचारिक समारोह आदि।
ii. ऐसे अवसरों पर जनसंस्थाओं के द्वारा आयोजित कम खचील मनोरंजन के कार्यक्रम भी इस नियम की सीमा में नहीं आयेगें।
नियम-15 : निजी व्यापार या नौकरीकोई भी रेल सेवक सरकार की बिना पूर्व स्वीकृति के
अ. किसी व्यापार या व्यवसाय से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कोई सम्बन्ध नहीं रखेगा।
ब. न तो कोई अन्य रोजगार ग्रहण करेगा और ना ही उसके लिए कोई वार्ता ही करेगा हालांकि रेल कर्मचारी कभी-कभी किये जाने वाले सामाजिक व चरीटेबल प्रकृति के कार्य अथवा साहित्यिक कलात्मक अथवा वैज्ञानिक प्रकृति के कार्य कर सकता है।
स. चुनावी कार्यालय में किसी प्रत्यासी का प्रचार-प्रसार नहीं करेगा, न ही चुनावी कार्यालय का कार्यभार ग्रहण
द. किसी भी बीमा कम्पनी अथवा कमीशन एजेन्सी के व्यापार के प्रचार-प्रसार में न तो खुद भाग लेगा न ही अपने परिवार के किसी सदस्य को भाग लेने देगा।
य. व्यावसायिक दृष्टिकोण से किसी बैंक या कम्पनी या को-ऑपरेटिव सोसायटी के रजिस्ट्रेशन, प्रोन्नयन तथा प्रबन्धन में भाग नहीं लेगा।
र. निम्नलिखित गतिविधियों में हिस्सा व सहभागगिता नहीं करेगा:
i. प्रायोजित मीडिया (राडियो अथवा दूरदर्शन कार्यक्रम, अथवा
ii. सरकार द्वारा शुरू लेकिन प्राईवेट एजेन्सी द्वारा निर्मित मीडिया प्रोग्राम, अथवा
iii. विडियों मैगजीन सहित निजी रूप से निर्मित मीडिया प्रोग्राम
नियम-15ए : सरकारी आवास को किराये पर देना तथा आवासों को खाली न करना-
i. कोई भी रेल सेवक अपने नाम से आवंटित सरकारी आवास को किसी अन्य व्यक्ति को किराये पर अथवा पट्टे पर रहने के लिए नहीं देगा।
ii. रेल सेवक के सरकारी आवास के आवंटन को निरस्त करने पर, आबंटित अधिकारी द्वारा निर्धारित समयावधि में आवास को खाली करना होगा।
RAILWAY LEAVE (रेलवे छुट्टी/अवकाश)